Wednesday 2 November 2022
अब पहली जन बग्वाळीयों की वा बात नी रै
Friday 16 September 2022
भ्रष्टाचार
जूँ पैँसा वाळोन, पैँसोँ कु थैला भोरि-भोरिक दिनिन
ऊँ परिक्षा पास करिक आज अधिकारी बणी गेन
अर जूँ विचार पढै क खातिर राती-राती जगदी रैन
ऊँक अधिकारी बणण कु सपना, सपना ही रैगेन
विनोद जेठुडी 16/09/2022, सुबह 8:20 A.M.
Tuesday 22 December 2020
येसु की नौ-नवाण हमन करियाली
येसु कु साग-भुजी भिजणु त्वेकु, तू भी
चखियाली
ककडी अर मुंगरी कु बेटा, नौ-नवाण करियाली ।
मेरी भिजी या “समूण” त्वैकु, गौँव
की याद दिलाली
खुदेणी न रैयी बेटा, मन ना उडैयी ॥
छाछँ मिलली त्यख अगर ता छाँछ तू लेयी
मुगँराडी अर चुन भिजणु “पळ्यो” बणैयी ।
खट्टु जादा होलु अगर ता थुडसी पाणी मिलैयी
सिलोटु मा कु पिस्यु लुण भी थुडिसी मिलैयी
पिण्डालु कु पत्ता भिजणु, पत्युड बणैयी
सौती सौती मुंगरी भिजणु, लग़डी बणैयी
द्वीसेरी मेरी घी बणायीँ त्वेतै भिजायीँ
कोदु की रोटी बणैली ता, वीँ प लगैयी
कखडी खाण मा क्या बुन तब कन रस्याण ये ग्यायी
किलै कि माँजी कु सिलोटु मा कु पिस्यु लुण भी बिज्युँ छायी
हरि मिर्च मजाणी कुछ ज्यादा ही धोळी द्यायी
किलै कि चरचरु बरबरु कुछ ज्यादा ही ह्वे ग्यायी
येसु क साग भुज्जी हमन भी चखियाली
ककडी अर मुंगरी की, नौ-नवाण करियाली ।
गौँ बटी अयीँ "समूण" की इन मिठास मयाळी
कि जिकुडी मा छाळी पोडी, रस्याण ये ग्यायी ॥
© विनोद जेठुडी 26 अगस्त 2019
अणसाळ
कुटळी, दथडी अर थमाळु सभी खुंडु ह्वेगेन
किलै कि अणसाळ कर्याँ, सालोँ ह्वेगेन
औजार जु खुँडॅ छन, खुँडु क खुँडु रै गेन
उंकु जगा नै नै अर पैनु पैनु औजार ये गेन
पळ्यांदार अब गौँव मा क्वी नी रै गेन
घौण्या बिचारु भी बडु मुस्किल सी मिलदन
अब तुंग कु जलडोँ कु कोयला नी बणादन
पाणी कु छपाँक मारी माटु निस नी दबाँदन
अब गौँव मा क्वी अणसाळ नी करदन
पळ-पळ्याँ औजार, बाग़डियोँ मु ल्यान्दन
© विनोद जेठुडी 22/12/2020 at 15:00
कुटळी, दथडी अर थमाळु सभी खुंडु ह्वेगेन
किलै कि अणसाळ कर्याँ, सालोँ ह्वेगेन
औजार जु खुँडॅ छन, खुँडु क खुँडु रै गेन
उंकु जगा नै नै अर पैनु पैनु औजार ये गेन
पळ्यांदार अब गौँव मा क्वी नी रै गेन
घौण्या बिचारु भी बडु मुस्किल सी मिलदन
अब तुंग कु जलडोँ कु कोयला नी बणादन
पाणी कु छपाँक मारी माटु निस नी दबाँदन
अब गौँव मा क्वी अणसाळ नी करदन
Wednesday 31 July 2019
धर्मु तै स्कुल मा ठंड नी लगदी
बथौँ कु स्वीस्याट मा ठँड न कुहाल
सभी स्कुल्या बंडी अर जूत्त पैरी क स्कूल आंदन
पर धर्मु एक बुरर्सैट अर चप्पल पैरी क स्कूल आंदु
गुरुजी न पुछी, कि किलै रे धर्मु ?
त्वै सन ठंड नी लगदी ?
जू तू कभी भी बंडी नी परदी ?
धर्मु बुलदु कि ना गुरुजी, मैँ सन ठंड नी लगदी
गुरुजी न फिर पुछी कि चल त्वै सन ठंड नी लगदी
पर फिर तू जुत्त किलै नी परदी ?
धर्मु बुलदु कि गुरुजी
जुत्त न म्यारु टँगडु बिन्यांदु
याकुँ मी चप्पल पैरी क ही स्कूल आंदु
अरे माणी कि जूत्त त्वै पर बिन्यांदन छन
अर ठँड भी त्वै नी लगदी ....
पर तीँ पैन्ट क क्या हाल बणया छन ?
१० जगहोँ मु थिगळा धोळी धोळी तै
टँकळ्ये – टँकळ्ये क काम चलाणी छयी
तू अफु खुनी नयी ड्रेस किलै नी लिल्यानी ?
दणमण दणमण आंशु धुळदु धर्मु
मोणी उंद करिक रोणु मिसी जांदु
अर बुलदु कि गुरुजी.......
होंदी अगर बन्डी मीमु ता, ता इन नी ठिठकुरांदु
होंद अगर जुत्त मीमु ता पैरी जरुर आंदु
कनकै बतौँ गुरुजी तुमतै कि गरिबी क्या होंदु ?
याकुँ तै मै गुरुजी योँ थिग़ळा झुलोँ मा ही आंदु - २
© विनोद जेठुड़ी
दिनाँक 30/07/2019 at 5:50 a.m
Monday 31 December 2018
Monday 4 June 2018
फौजी कु फर्ज अर परिवार
मी प्रवासी पहाडी छौँ
मी पहाडी छौँ, गढवाळी छौँ