Monday 22 July 2013

यख अर वख

















यख छ या पुडणी रात ।
वख होली खुलणी रात ॥
यख छ या नसिली रात।
वख होली सुरिली रात ॥
यख खुद्याँदी या रात ।
वख हँसादी वा रात ॥
यख ड्युटी पर तैनात ।
वख पटणी होली बरात ॥
यख दिन ता वख रात ।
समय समय की या बात॥
यख देंदु क्वीनी साथ ।
वख मयाळु मनख्यात ॥
यख डियों कु घुंघयाट ।
वख चखुलियों कु चैच्याट॥
यख क्वी नी आर पार ।
वख दगडियोँ कु साथ ॥
यख फैसन कु फफराट ।
वख अँगडी की वा गात ॥
यख ए/सी मा बुखार  ।
वख जड्डू न चचकार ॥
यख बिमारियोँ न बुरु हाल ।
वख की हवा पाणी खुशहाल॥
यख दुरी कु अहसास ।
वख अपणो कु साथ ॥
वख जड्डू न चचकार ॥
यख बिमारियोँ न बुरु हाल ।
वख की हवा पाणी खुशहाल॥
यख दुरी कु अहसास ।
वख अपणो कु साथ ॥

सर्वाधिकार सुरक्षित @ विनोद जेठुडी
on 08/06/2013 @ 6:05 AM 

बेटी बचाओ

कुछ मनखी आज मैसाग बण्या छ्न
जन्म सी ही पहली बेटी मना छ्न |
बच्यां- खुच्यां जु ये गेन दुनियां मा
ऊंक ही गैल कन पाप कना छन ||


Vinod jethuri on 04/05/2013 

Friday 19 July 2013

उत्तराखँडी सँस्क्रति ईन युनिवर्सिटी औफ सिनसिनाटी

भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृति मे से एक है, भारतवर्ष की बोली भाषा, भारतवर्ष के लोग, भारतवर्ष की संस्कृति भारतवर्ष का साहित्य और भारतवर्ष का इतिहास के बारे मे विस्तार से जानने के लिये दुनियाभर से लोग यहां आते है और हमारी संस्कृति को और अधिक जानने मे रुची रखते है। हमारी संस्कृति मे ईतनी सुन्दरता व मिठास है कि शायद ही दुनिँया की किसी भी देश की संस्कृति मे हो, इसी का नतिजा है कि युनिवर्सिटी औफ सिनसिनाटी यू.एस.ए मे भारतीय लोक सँगीत व बाध्य यँत्रोँ पर रिसर्च किया जा रहा है ।भारतवर्ष के हिमालयी क्षेत्र मे स्तिथ देवभूमी उत्तराखँड राज्य की संस्कृति से युनिवर्सिटी औफ सिनसिनाटी यू.एस.ए के प्रोफेसर स्टेफन फ़िओल इतने प्रभावित हुये कि यँहा के प्रसिध लोक गायक, जागर सम्राट, ढोल वादक श्री प्रीतम भरतवाण जी को यू.एस.ए ले गये और वँहा के लोकल लोगो द्धारा प्रितम जी के निर्देशन मे एक शो प्रस्तुत किया ।

आप सभी लोग भी ये वीडियो जरुर देखेँ, आपको एक भारतीय व उत्तराखँडी होने पर गर्व होगा ।


धन्यवाद !